वर्णमाला हिंदी में | Hindi Varnamala |
आज के इस आर्टिकल में मै आपको “ वर्णमाला हिंदी में | Hindi Varnamala या Varnamala in Hindi ” की जानकारी उपलब्ध कराने जा रहा हूँ , जिन्हे आप अध्ययन कर अपने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के उपयोग में ला सकेंगे ,आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा । तो चलिए जानते है –
Varnamala in Hindi |
स्वरअ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अ:
व्यंजनक वर्ग – क ख ग घ ड.
च वर्ग – च छ ज झ ञ
ट वर्ग – ट ठ ड़ ढ ण { द्विगुण व्यंजन – ड़ ढ }
त वर्ग – त थ द ध न
प वर्ग – प फ ब भ म
अंतस्थ – य र ल व
उष्म – श ष स ह
संयुक्त व्यंजन – क्ष त्र ज्ञ श्र
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उच्चारण के आधार पर वर्णमाला को दो भागों में बांटा गया है.
स्वर की परिभाषा – स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाले वर्ण ‘स्वर’ कहलाते है. इनका उच्चारण बिना किसी दुसरे वर्ण की सहायता से होता है. स्वरों का वर्गीकरणमात्रा / उच्चारण – काल के आधार पर
व्यंजन की परिभाषा – जिन वर्णों के उच्चारण में वायु रुकावट के साथ या घर्षण के साथ मुंह से बाहर निकलती है , उन्हें व्यंजन कहते हैं। व्यंजनों का वर्गीकरण –उच्चारण की दृष्टि से व्यंजन वर्णों को दो प्रकार से विभाजित किया गया है स्थान के आधार पर – व्यंजनों का उच्चारण मुख के विभिन्न अवयवों – कंठ , तालु , मूर्धा आदि से किया जाता है , जो वर्ण मुख के जिस भाग से बोला जाता है वही उस वर्ण का उच्चारण स्थान कहलाता है। प्रयत्न के आधार पर – व्यंजन ध्वनियों के उच्चारण में स्वास का कंपन , स्वास की मात्रा तथा जीवा आदि अवयवों द्वारा स्वास के अवरोध की प्रक्रिया का नाम प्रयत्न है। प्रायः यह तीन प्रकार से होता है १ स्वरतंत्री में सांस के कंपन के रूप में |